कुछ अपने हैं , कुछ उधार लिये हैं
शब्द
Monday, June 18, 2012
Tuesday, July 12, 2011
शब्द ही ना समझे पर शब्दो को
किस शब्द से किस शब्द को चोट लगी
किस शब्द से किस शब्द को दर्द हुआ
किस शब्द से किस शब्द को प्यार हुआ
किस शब्द से किस शब्द को नफरत हुई
शब्दो के जाल मे शब्दो की उम्र हुई
पर शब्द ही ना समझे पर शब्दो को
Tuesday, April 13, 2010
Thursday, July 16, 2009
Thursday, May 7, 2009
निशब्द शब्दों की निःशब्दता
निशब्द शब्दों को शब्दों ना दो
निशब्द शब्दों की निःशब्दता मे
मौन नहीं मुखरता होती हैं
Tuesday, April 21, 2009
शब्दों का जाल
शब्दों की दस्तक से
शब्दों के दरवाजे खुलते हैं
शब्दों के जाल मे यूही नहीं शब्द फँसते हैं
Tuesday, March 18, 2008
रिश्ते शब्दों के
पहचाने शब्द रिश्ते
शब्दों से अजनबियों से
बनते हैं रिश्ते शब्दों के
Sunday, March 9, 2008
शब्दों से मिलकर भी अधूरे रहते हैं शब्द
शब्दों मे सार्थकता शब्दों ने खोजी
शब्दों मे निरर्थकता शब्दों ने पाई
शब्दों की सार्थकता को शब्दों ने समझा
शब्दों की निरर्थकता को शब्दों ने झेला
शब्दों से मिलकर भी अधूरे रहते हैं शब्द
Thursday, January 24, 2008
शब्द ही ना समझे पर शब्दो को
किस शब्द से किस शब्द को चोट लगी
किस शब्द से किस शब्द को दर्द हुआ
किस शब्द से किस शब्द को प्यार हुआ
किस शब्द से किस शब्द को नफरत हुई
शब्दो के जाल मे शब्दो की उम्र हुई
पर शब्द ही ना समझे पर शब्दो को
Saturday, December 8, 2007
आजकल तो इंतज़ार मे हैं शब्द
हर मील का पत्थर है शब्द
ना जाने
किस रास्ते आयेगे शब्द
निशब्द नहीं है शब्द
शांत नहीं है शब्द
बस
आजकल तो इंतज़ार मे हैं शब्द
Sunday, December 2, 2007
शब्द मेरे
ना देगे दर्द अब शब्द मेरे तुमको
निशब्द नहीं
शांत हो गए है शब्द मेरे
Wednesday, November 14, 2007
स्वर्णिम है वह शब्द
कसोटी पर
घिस कर भी
जो नहीं बदले ,
आपदा मे भी
जिनका कलेवर
ना उतरे
स्वर्णिम है
वह शब्द
नहीं बाटते अब दर्द शब्द , शब्दो का
शब्द सहलाते थे शब्दो को
शब्द दुलारते शब्दो को
शब्द निहारते थे शब्दो को
समय वो और था जब
शब्द पुकारते थे शब्दो को
और शब्द सुनते थे शब्दो को
अब तो धमाके होते है
जो कान बहरे करते है
शब्दो को निशब्द करते है
अब सनाटा है
सूना है आंगन शब्दो को
बंद होगये है सब वह दरवाजे
जहाँ से आना जाना था
" आयत " ,और "सबद" ,
" श्लोक " , और"टेसटामेन्ट" का
अब शब्द देते है व्यथा शब्दो को
नहीं बाटते अब दर्द शब्द , शब्दो का
ref
आयत कुरान से , सबद गुरू ग्रंथ साहिब से , श्लोक गीता से , टेसटामेन्ट बाइबल से
निशब्द तुम्हारे शब्दो
शब्दो से खेला था
निशब्द तुम्हारे शब्दो को
मन मे हमने सहेजा था
option 2
शब्दो का खेल था
शब्दो से खेला था
निशब्द तुम्हारे शब्दो को
शब्दो ने मेरे झेला था
option 3
शब्दो का खेल था
शब्दो से खेला था
निशब्द तुम्हारे शब्दो ने
शब्दो को मेरे झेला था
निशब्द फिर भी शब्द होते है
शब्दो से शब्द खिचते है
शब्दो मे शब्द होते है
निशब्द फिर भी शब्द होते है
शब्द कहाँ से लाऊँ वो ?
जो गले मे अटकते है
शूल बनकर दिल को
चुभते है
शब्द
जो कलम से फिसलते है
फाँस बनकर दूसरो को
लगते है
शब्द
जो नहीं भरमाते है
सबको पसंद नहीं
आते है
शब्द
जो मन भाते है
सब को पसंद
आते है
शब्द
जो मन भाते है
वोही भरमाते है
शब्द
जो भावना की
स्याही से
लिखे जाते है
शीतलता दे जाते है
शब्द
कहाँ से लाऊँ वो
जो लाये तुमको
मिलाये हमको
इंतज़ार शब्दो का
आये ये शब्द
वह शब्द ही ना आये
इन शब्दो को देखने
आज भी इंतज़ार है
इन शब्दो को
उन शब्दो का
शब्द बन गये है एक सेतु
बन गये है
एक सेतु
वह लिखती है
दर्द बहाने के लिये
वह पढ़ता है
दर्द बहाने के लिये
उसके दर्द मे
तकलीफ है
इस लिये
उसके शब्द
है कड़वे पर सच
उसकी पीड़ा
है अनकही
नहीं है शब्द
पास उसके
ना कड़वे ना सच
खड़े है दोनो
पीठ कीये
उस सेतु पर
जिसे उसके
शब्दो ने बनाया है
ओर बाँट रहे है
अनकहा